विश्वकर्मा समाज के लोगों द्वारा शर्मा उपनाम का प्रयोग किया जाता है । शर्मा का अर्थ है , कल्याणकारी , सुखदाता । यजुर्वेद अध्याय ४ मंत्र ९ में दिए श्लोक का महर्षि दयानंद ने जो भाष्य किया है , उसका पद्यानुवाद इस प्रकार है -
सारे जग को सुखी बनाते , हों रक्षक शिल्पी विद्वान् ।
शिल्प वेद विद्या को सीखें , करें आपको नित्य नमन ॥
ॠक ,यजुसाम ,वेदों को पढकर , शिल्प यज्ञ में करते योग ।
इसीलिए , शर्मा सुखकारी , कहलाते हैं शिल्पी लोग॥
'' सामाजिक - परिवेश में विश्वकर्मा - वंशी '' - महादेव प्रसाद जांगिड
Tuesday, July 22, 2008
Tuesday, July 8, 2008
भगवान विश्वकर्मा के वंशज देश के प्रत्येक क्षेत्र में अपने गुणों से अपनी पहचान बनाये हुए है । समाज बंधुओं का देश में बल्कि दुनिया में उल्लेखनीय योगदान होने के बाद भी कुछेक ऐसे कारण है। जिनकी वजह से हम अपना महत्व स्थापित करने में असफल रहे है। इसी वजह से हमारा समाज आज भी अनेक समस्यायों का शिकार है, जिसका सीधा असर हमारी वर्तमान और भविष्य की पीढी पर हो रहा है और होगा। ऐसी विभिन्न समस्याओं को एक मंच पर लाने हेतु इस ब्लॉग का निर्माण किया गया है ताकि न सिर्फ़ हम उन समस्यायों पर विचार कर सके बल्कि उनके समाधान की एक सार्थक पहल भी कर सकें।
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