समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेंदारी का निर्वहन यू तो प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है और इसका निर्वहन अपनी छमता से करने का प्रयास अवश्य किया जाना चाहिये। इस बात का आभाष करते हुऐ मेरे द्वारा एक बहुत छोटा सा प्रयास किया गया है। मैनें विभिन्न पत्र पत्रिकाओं एवम वेवसाइट का अध्ययन किया करते हुये पाया है कि नई पीढी जो कम्पयूटर के अधिक करीब है, इन्टरनेट को जानकारियाँ प्राप्त करने का एक सर्वोत्तम एवम सहज साधन मानते हैं। काफी हद तक यह सही भी है क्योंकि एक क्लिक पर सारी दुनिया में हो रहे कार्यो कि जानकारियाँ उनके सामने होती हैं। इन्टरनेट को सर्च करते हुये यह पाया गया है कि विश्वकर्मा समाज से सम्बन्धित अनेक प्रयास भी बिखरे हुये हैं जबकि वे सभी अत्यधिक सराहनीय हैं। इस कमी को दूर करने के लिये यह आवश्यक है कि इन्टरनेट पर उपलब्ध सामग्री का नियमित अध्ययन किया जावे एवम उसे एक स्थान पर उपलब्ध कराया जावे। इसकें साथ ही विभिन्न पत्र पत्रिकाओं को सारी दुनिया के सामने लाया जा सके। यह मात्र इन्टरनेट के माध्यम से ही सम्भव हो सकता है अतः इस हेतु मैनें यह ब्लाँग बनाया है जो कि प्राथमिक चरण में है लेकिन मुझे विश्वास है कि आप सभी का सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त कर मैं अवश्य ही सफ़ल रहूंगा।
आपसे अपेक्षा है कि आपके लेख, कार्यक्रमों के चित्र आप हमें भेजें। पत्रिकाओं के सम्पादक अनुमति सहित अपनी पत्रिकाएँ हमे भेजें। हम उन्हें ब्लाँग में स्थान देंगे ताकि एक बडा वर्ग जानकारियों को प्राप्त कर लाभान्वित हो सके।
Wednesday, October 1, 2008
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5 comments:
सराहनीय है आपका विचार और प्रयास .... स्वागत है आपका ब्लॉग जगत में ...
मै नासवा जी से सहमत हूँ.
ब्लॉग की रचनात्मक दुनिया में आपका स्वागत है
आपके बिचारों को एक नया आयाम मिले मेरी यही शुभकामनाएं रहेंगी..
Sarahneey prayas hai!
Anek shubhkamnaon sahit swagat hai!
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